
आज का कहर
कुदरत के आगे सब मजबूर हैं
जब कुदरत रौद्र रूप लेती है
फिर सब तबाह कर देती है
फट गया आज एक ग्लेशियर
चमोली के ऋषि गंगा बाँध पर
उफनाती हुई बढ़ चली धारा
सबको अपने में समाहित कर
देखते देखते पल ही भर में
भयभीत हैं सभी उत्तराखंड वासी
खाली कराया गया तटीय लोगों को
आखिर यह मंजर क्यों है आता
क्या मानव का कोई है नाता
हे ईश्वर तू दया दृष्टि रख
सब तेरे हैं संतान कुछ तो कृपा कर
हे मानव तू भी ले संज्ञान
अपनी स्वतंत्रता का न कर दुरूपयोग
प्रकृति के साथ न कर छेड़खानी
क्योंकि उसके आगे नहीं चलती मनमानी
(सरिता त्रिपाठी )
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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