
NANDED TODAY:08,08,2021 नांदेड़ : जिले में यदि कोई व्यक्ति अनाधिकृत बायोडीजल सेंटर चलाता हुआ पाया जाता है तो उस वयक्ति के खिलाफ तत्काल संबंधित तहसीलदार, थाना या जिला आपूर्ति कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी जाए .
नांदेड़ पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के तहत हाल ही में एक बैठक आयोजित की गयी थी. बायोडीजल की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नांदेड़ जिला पोलिस अधीक्षक की उपस्तिथि में राज्य आबकारी विभाग एवं खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को विभिन्न निर्देश दिये गये.

ऑल इंडिया बायोडीजल एसोसिएशन मुंबई ने सरकार से बायोडीजल की बिक्री के संबंध में एक सर्व समावेशी नीति निर्धारित करके बायोडीजल की बिक्री की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
राज्य में बायोडीजल की अवैध बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जिससे बायोडीजल उत्पादकों, विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं के लिए व्यापार करना आसान हो जाए। राज्य में बायोडीजल उपलब्ध कराने के लिए राज्य में बायोडीजल की बिक्री
के लिए राज्य की बायोडीजल उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति एवं बिक्री नीति 2021 निर्धारित की गई है। नीति के अनुसार बिना अनुमति बायोडीजल बेचने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा।

जो लोग बायोडीजल बेचना चाहते हैं, उन्हें राज्य की बायोडीजल उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति और बिक्री नीति-2021 के अनुसार ऐसा करना आवश्यक है और सरकार की अनुमति से जिला आपूर्ति अधिकारी ने अपील की है.
आप ज़रा ये जाने के आखिर बायोडिजल कैसे बनता है और इसके फायदे क्या है!
बायोडिजल शत्-प्रतिशत नवीनीकरणीय स्रोतों से बनाया जाता है। यह परम्परागत इंधनो का एक स्वच्छ विकल्प है। इसको भविष्य का इंधन माना जा रहा है।

बायोडीजल में पट्रोलियम नहीं होता किन्तु इसे सम्यक अनुपात में पेट्रोलियम में मिलाकर विभिन्न प्रकार की गाडियों में प्रयोग किया जा सकता है। बायोडीजल विषैला नही होता; यह बायोडिग्रेडेबल भी है।
बायोडिजल वानस्पतिक तेलों से प्राप्त अन्य वैकल्पिक इंधनों से भिन्न है।
बायोडीजल को बिना किसी परिवर्तन किये ही डीजल इंजनों में प्रयोग कर सकते हैं जबकि वनस्पति तेलों से प्राप्त इंधनों को केवल ‘इग्निशन कम्बस्शन’ वाले इंजनों में ही प्रयोग ला सकते हैं
और वह भी कुछ परिवर्तनों के बाद। इस कारण, बायोडिजल प्रयोग में सर्वाधिक आसान इंधनों में से एक है। और सबसे अच्छी बात यह है कि खेती में काम आने वाले उपकरणों को चलाने के लिये सबसे उपयुक्त है।
बायोडिजल जिस प्रक्रिया द्वारा निर्मित किया जाता है उसे ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है। इस प्रक्रिया में वनस्पति तेल या वसा से ग्लीसरीन को निकालना होता है।
इस प्रक्रिया में मेथिल इस्टर और ग्लीसरीन आदि सह-उत्पादभी मिलते हैं।
बायोडीजल में सल्फर और अरोमैटिक्स नहीं होते जो कि परम्परागत इंधनों में पाये जाते हैं।
बायोडिजल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह दूसरे इंधनों की भांति पर्यावरण के लिये हानिकारक नहीं है। इसके अलावा यह ऐसे स्रोतों से प्राप्त होता है जो पुनः नवीन किये जा सकते हैं। परम्परागत इंधनों की तरह यह प्रदूषण करने वाला धुवां नही पैदा करता।