आज 21 वी सदी में मानव अधिकार की बात उठाना भी बहुत अश्चार्यजनक होना चाहिए था। जहां हमारे जेहन में मानव को एक मानव होने के नाते उसे सारे अधिकार प्राप्त हो, और उसे ज्ञात हो भले ही उसकी राष्ट्रीयता लिंग ,वर्ग, जाति ,रंग रूप ,व्यवसाय , सामाजिक व आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। क्योकि मानव इस धरा पर उत्क्रिस्टम रचना है |
मानवाधिकार का शाव्द्धिक अर्थ मानव + अधिकार , अथार्त , मानव का अधिकार |1946 में एलनॉर रूजवेल्ट की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय मानव आयोग का गठन किया गया है। 10 दिसंबर 1948 को UNO महा सभा में सार्वभौमिक घोषणा हुई इसमें कहा गया की सभी मनुष्य जन्म से स्वतंत्र , प्रतिष्ठा व अधिकारों में सामान है | और 4 दिसंबर, 1950 को आधिकारिक मान्यता प्रदान की गई है | जिससे अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस यानि “यूनिवर्सल ह्यूमन राइट्स डे” कहा गया |
आज शासन में जब किसी इंसान के अधिकारों का हनन होता है। तो वह न्यायालय के द्वार पर जाता है। संविधान में समानता और मान – सम्मान की रक्षा की व्यवस्था की गई है | आत्म रक्षा व मान हानि के लिए मुकदमे दर्ज़ कराए जाते है। जिस पर उचित कारवाही होती है | परन्तु बेचारी स्त्री सदियों से रूढ़िवादिता , पुराणी संस्कृति समाज की बेड़ियों में जकड़ी हुई है। आज भी स्वंतत्रता व समानता के लिए दर -दर भटक रही है | कही जौहर ,
तो कही सती प्रथा , तो कही तीन तलाक जैसे कुरूतियो में जकड़ी रही है | आधुनिक जीवन शैली में उन्हें इंटरनेट का उपयोग करने की इज़ाज़त नहीं है | कई इलाको में तो बेटियों को स्मार्ट फ़ोन इस्तेमाल नहीं करने देने के पंचायती फरमान जारी किये गए है| आज स्त्रियों का शोषण हर क्षेत्र में हो रहा है। स्त्रियों के शोषण के आलावा भी देश में अनेक बड़ी समस्याएं और भी है आज देश में कही उल्फा उग्रवादी है तो कही मीज़ो | तो कही कश्मीर के आतंकवादी | यह देश में खून -खराबा करके देश को कमज़ोर कर रहे है ,
और भय का वातावरण बना कर देश को विखंडित करने में लगे हुए है । इस समय भारत पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकवादियों से जूझ रहा है | पाकिस्तान के गुप्तचर एजेंसी ISI कश्मीरी मुस्लिम बेरोज़गार नवयुवको को धर्मान्ध्ता का चोला पहना कर प्रशिक्षित करके बेशुमार पैसे और बारूद , बम-गोला अदि देकर सीमा पार से घुसपैठ करते है , कहीं बसों में ,कहीं रेलवे स्टेशन , कहीं बाजार में , कहीं होटल , तो कहीं अधिक भीड़ वाले क्षेत्रों में बम विस्फोट करके हज़ारो लोगो को मौत के घाट उतार रहे है |
आज यह समस्या भारत कि ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व कि समस्या बन गई है | मानव जीवन को संरक्षित करने के लिए मानव अधिकार की स्थापना कि गई हैं। जिससे मानव अधिकार विभिन्न कानूनों द्वारा संरक्षित है | पर अभी भी लोगो द्वारा , समूहों , धर्म , जाति द्वारा या कभी कभी सरकार द्वारा उलंघन किया जाता है | विश्वसंघटन मानव अधिकार पर इसलिए जोर देता है। क्योकि विश्व युद्ध कि त्रास्ती को भूला नहीं है |
जब जापान के दो राज्यों हिरोशिमा और नागासाकी पर बम फेके गए थे। जिससे पूरा विश्व काँप उठा था। इसलिए मानव सुरक्षा के लिए मानव संगठन कि स्थापना कि आवश्यकता पड़ी |राजनैतिक में, राजनैतिक अधिकारी ,सरकार मे आने से पहले उच्च आदर्शो का दावा करते है। पर निभाते नहीं है | प्रश्न उठता है कि क्या वर्तमान में मानव को मानव होने के कारन अधिकार प्राप्त है ? हम आने वाली पीढ़ियों को जीवन में क्या देंगे?
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